टीम इंडिया के लिए खेलना हर एक युवा खिलाड़ी का सपना होता है। उसकी चाहत होती है कि वो भी अपने माता-पिता और देश का नाम का रोशन करे। कुछ ऐसे ही सपनों को संजोकर यह खिलाड़ी अपनी मेहनत में लग जाया करता था।
यही वजह है कि खेल के प्रति उसकी ईमानदारी और बेजोड़ लगन ने आज उसको ऐसे मुकाम पर पहुंचा दिया है। जहां से उसकी तुलना क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से होने लगी है।
हम बात कर रहे हैं। युवा उभरते हुए क्रिकेटर पृथ्वी शॉ के बारे में जिन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में ही ताबड़तोड़ पारी खलेते हुए सैकड़ा जड़ दिया है।
वैसे भी, सोना आग में तपकर ही कुंदन बनता है… ये कहावत टीम इंडिया के युवा टेस्ट ओपनर पृथ्वी शॉ पर बिलकुल सटीक बैठती है।
क्योंकि पृथ्वी शॉ ने राजकोट टेस्ट में अपने पहली ही टेस्ट पारी में कमाल कर दिया है। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ महज 99 गेंदों में शतक जमाया और वो डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ने वाले सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी बने।
पृथ्वी शॉ को आज पूरी दुनिया सलाम कर रही है। लेकिन इस क्रिकेटर का सफर आसान नहीं रहा। पृथ्वी जब 4 साल के थे तो उनके सिर से मां का साया उठ गया। पृथ्वी के पिता को उनकी कोचिंग के लिए बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
पृथ्वी के पिता ने अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए अपना बिजनेस बंद कर दिया था। पृथ्वी शॉ को पूर्व स्पिनर नीलेश कुलकर्णी की स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी ने 3 लाख रु. सालाना देने का ऐलान किया, जिससे इस युवा क्रिकेटर को आगे बढ़ने में काफी मदद मिली।
बैटिंग देखने के लिए सचिन ने कैंसिल किया शेड्यूल
पृथ्वी शॉ का मुंबई में इतना नाम था कि एक बार सचिन तेंदुलकर ने उनकी बल्लेबाजी देखने के लिए सभी काम छोड़ दिए थे।
एक मैच के दौरान सचिन स्टेडियम से बाहर जा ही रहे थे कि तभी उन्होंने पृथ्वी शॉ को बल्लेबाजी के लिए उतरते देखा। सचिन ने पृथ्वी का काफी नाम सुना हुआ था और उन्होंने पृथ्वी की बल्लेबाजी देखने का फैसला किया। जिसके बाद वो इस खिलाड़ी से काफी प्रभावित हुए।
शिवसेना विधायक की मिली मदद
पृथ्वी शॉ का टैलेंट देख उन्हें बचपन से ही स्कॉलरशिप मिलने लगी थी। यही नहीं शिवसेना के विधायक संजय पोतनिस ने उन्हें वकोला में एक घर भी लेकर दिया।
बिहार से है गहरा सम्बन्ध
बहुत ही कम लोगों को यह पता है कि पृथ्वी शॉ बिहार के गया जिले के रहने वाले हैं। पृथ्वी के दादाजी अशोक गुप्ता आज भी मानपुर के शिवचरण लेन में बालाजी कटपीस नाम के कपड़े की दुकान चलाते हैं।
अशोक गुप्ता ने बताया कि उनका एकलौता बेटा पंकज गुप्ता उर्फ पंकज शॉ मुंबई नौकरी करने चला गया और वहीं रहने लगा। पृथ्वी, पंकज का इलकौता बेटा है।
ख़बर पसन्द आई हो तो The Public को like जरूर करें